इस आर्टिकल में हम बसंत पंचमी के बारे थोड़ी जानकारी शेयर करेंगे की बसंत पंचमी क्या है और यह बसंत पंचमी क्यों मनाया जाता है? चलिए नीचे संछिप्त में जानते हैं।
बसंत पंचमी क्या है?
वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा भी कहा जाता है। वसंत पंचमी, वसंत के आगमन की तैयारी का प्रतीक है। भारतीय उपमहाद्वीप में जीवन के क्षेत्र के आधार पर लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार तरीकों से यह त्योहार मनाया जाता है। वसंत पंचमी से होली की तैयारी की शुरुआत भी होती है, जो चालीस दिन बाद होती है।
इस पंचमी पर वसंत उत्सव वसंत से चालीस दिन पहले मनाया जाता है, क्योंकि किसी भी मौसम की संक्रमण अवधि 40 दिन होती है, और उसके बाद, मौसम पूरी तरह से खिल जाता है।
बसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) महोत्सव की कहानी
माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन, भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण, देवी राधा, और शिक्षा की देवी, माता सरस्वती की पूजा पीले फूल, गुलाल, जल प्रसाद, धूप, दीप आदि से की जाती है।
बसंत पंचमी की कहानी के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्मांड का निर्माण इस दिन किये थे। अन्य बसंत पंचमी कथा के अनुसार, इस दिन, भगवान राम ने माता शबरी के आधे चखे हुए अंगूर खाए थे। इसलिए इस दिन को स्मरण करने के लिए बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।
बसंत पंचमी के दिन को जीवन की शुरुआत माना जाता है। यह दिन खुशियों के आगमन का दिन है। बसंत पंचमी का दिन रंगों और खुशियों के स्वागत के रूप में मनाया जाता है।
बसंत पंचमी कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने जब पूरी दुनिया की रचना किये थे तब दुनिया पूरी तरह से चुप था। पृथ्वी पर सब कुछ शान्तिशून्य था। भगवान ब्रह्मा ने बहुत सोचा। उनके मन में एक विचार आया। उन्होंने अपने कमंडल में कुछ पानी लिए और उसे हवा में छिड़क दिए। उसमे से एक देवी एक वृक्ष से प्रकट हुई। परी के हाथ में वीणा थी। भगवान ब्रह्मा ने उनसे कुछ करने की अनुरोध किये ताकि पृथ्वी पर सब कुछ खुश हो जाये। परिणामस्वरूप देवी ने कुछ संगीत बजाना शुरू कर दि।
उन्होंने इस पृथ्वी को संगीत से भर दिया। तब से, उस देवी को देवी सरस्वती के रूप में जाना जाता है, जो भाषण और ज्ञान की देवी हैं। वह वीना वादिनी के रूप में भी जानी जाती हैं। यह माना जाता है कि देवी सरस्वती ने आवाज, बुद्धि, बल और महिमा प्रदान करती हैं।
Also Read:
हमारा Pinterest page को जाइये मोटिवेशनल इमेजेज पाने के लिए।